भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यह देश हमारा / चंद्रसेन विराट

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यह देश हमारा
इस विश्व के गगन के सितारों का सितारा
ये देश हमारा

ये विंध्य ये हिमालय
गंगोजमन कहाँ
ऐसी धरा कहाँ है
ऐसा गगन कहाँ
कुदरत ने जैसे धरती पर स्वर्ग उतारा
ये देश हमारा

सोने के दिन हैं इसके
चाँदी की रात है
हीरों की फ़सल होती
इसकी क्या बात है
इस देश में ही पाएँ हम जन्म दोबारा
ये देश हमारा

दुनिया के अंधेरों को
यहीं पर किरण मिली
घायल मनुष्यता को
यहीं पर शरण मिली
ये शांति प्रेम उन्नति की मुक्त त्रिधारा
ये देश हमारा