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यह मेरी भूल थी / विमल कुमार

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यह मेरी भूल थी कि मैंने चाँद को
चाँद समझ रखा था
मुझे लगता है
कि मैं चाँद के क़रीब
बहुत क़रीब पहुँच गया हूँ
अब उसे छू लूँगा
पकड़ लूँगा
अपनी मुट्ठी में
लेकिन नहीं
मैं तो दूर था
बहुत दूर
लेकिन जब मुझे लगा
कि मैं क़रीब हूँ उसके बहुत क़रीब
तो उसकी धड़कन की आवाज़ भी सुनाई पड़ने लगी मुझे
उसके छिपे हुए ख़्वाब भी नज़र आने लगे थे
तब मुझे यह लगा
कि चाँद अब मुझसे हाथ मिलाएगा
उतनी ही गर्मजोशी से
जितनी वह हाथ मिलाता रहा दूसरों से
मेरा हाल चाल पूछेगा
पूछेगा-- तुम्हारी तबीयत अब कैसी है ?
और नौकरी तो सुरक्षित है न ?
लेकिन यह क्या
चाँद ने मुझसे कुछ भी नहीं पूछा
वह औरों से तपाक से हाथ मिलाता रहा
मेरे सामने उनके साथ गप्प-शप्प की
चाय-कॉफी पीता रहा

मुझसे तो उसने एक ग्लास पानी तक नहीं पूछा
जबकि वह घंटों मुझसे टेलीफ़ोन पर बतियाता रहा
कई ई० मेल भी किए उसने मुझे ज़रूरत पड़ने पर
उसने मुझसे पूछा !
अँग्रेज़ी के फलाँ शब्दों का
हिन्दी में मानी
मैं उसकी बीमारी में धरती पर से
दवाइयाँ लेकर देता रहा
डॉक्टरों से उसके लिए समय भी लिया
लेकिन इससे ज़्यादा तकलीफ़देह बात
और क्या होगी
कि वह धरती पर आया
तो मेरे मुहल्ले में
यहाँ तक कि मेरे पड़ोस में आकर भी
वह मेरे घर नहीं आया

उसने इतिल्ला भी नहीं की
वह मेरे पड़ोस में आ रहा है
मैं उसकी कम से कम
अगवानी तो करता
अपने चाँद को देखता
वह किस तरह मुस्कराता हुआ आ रहा है
मेरे घर के सामने पार्क का उद्घाटन करने
जिसकी बेंच पर बैठ
मैंने उसे कितनी बार याद किया है
आँखों में आँसू लिए
वह दरअसल पत्थर का एक टुकड़ा ही था
यह मेरी भूल थी कि मैंने चाँद को चाँद समझ रखा था ।