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यह मेरी सबसे उदास कविता है / दुष्यन्त
Kavita Kosh से
टूटना शरीर का
टूटना वृक्ष का
या किसी इमारत का टूटना
सचमुच बहुत मायने रखता है
परन्तु
सपने का टूटना
उम्मीद का टूटना
और उससे भी दुखदाई होता है
आदमी का टूटना
इंसानियत के अतीत का
सबसे दर्दनाक पृष्ठ होता है
किसी के लिए
उदासी का सबसे बड़ा कारण होता है
और यहीं से
मेरी सबसे उदास कविता का जन्म होता है।
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा