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यह रहा उसका घर-2 / गगन गिल

ये रहे उसके पंख

उतार दिए थे उसने

बहुत पहले ही


ये रहे पत्थर

जो अभी तक बंधे हैं

ठूँठ उसके कंधों से


वो रहा आकाश

वो रहा देवदूत आकाश में


वह रही
आकांक्षा उसकी


साथ उड़ने की