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यह लालटेन / नरेश अग्रवाल
Kavita Kosh से
सभी सोए हुए हैं
केवल जाग रही है
एक छोटी-सी लालटेन
रत्ती भर है
प्रकाश जिसका
घर में पड़े अनाज जितना
बचाने के लिए जिसे
पहरा दे रही है यह
रात-भर ।