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यह - तुम्हारा है / लेव क्रापिवनीत्स्की

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(हमारे समय में हर तरह के दुष्‍ट-जीवन के प्रतिमान हैं — जेम्‍स हेडली चेज)

वहाँ कुछ है भी नहीं ।
सिर्फ़ हवा है ढक्‍कन लगे बर्तनों के अन्दर
और गर्भधारण किए दो अणु
अवसाद में डूबे हुए —
एक खिलौना-चूल्हा !

कृतज्ञता की बात ही नहीं चली —
कोई ज़रूरत नहीं।
डायन की आँखें ही काफ़ी हैं ।
यदि आप का इतना ही आग्रह है
तो हल्‍की-सी कॉफ़ी ।

बेकार है पाण्डित्‍य
भविष्‍यवाणी के लिए प्रसिद्ध
इस प्राचीन मन्दिर में :
हर चीज़ के लिए
हर चीज़ के विषय में
कठोरता का हताश दर्शन ।

फिर पूछा ही क्‍यों जाता है
प्रतिभाहीन दैत्‍यों के परम हर्ष का रहस्‍य ?
बेकार, अर्थहीन… (ऐसी व्‍याख्‍याएँ हुई हैं) —
प्रकट होगी घास
या कुछ और नया
फ़ोन करना कभी भी ।

फेफड़ों में पानी नहीं पाया गया
न ही कोई ज़हर ।
नये क्षितिज देखने की कामना करते हुए
खड़ा होना होगा चार पॉवों पर
(सब कुछ बताने का अवसर आएगा) ।