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यात्रा उस अज्ञात में / स्मिता सिन्हा
Kavita Kosh से
तथ्यों और सन्दर्भों से अटे
एक गुम्फीत परिदृश्य से
बाहर निकलने की कोशिश है
यात्रा...
अपने डर से मुक्त होकर
किसी अंतहीन विस्तार में
एक अप्राप्य की खोज है
यात्रा...
कुछ खोने और कुछ पाने के बीच
घटित आत्मसंघर्ष का एक
अविस्मरणीय संस्मरण है
यात्रा...
अतिरेक होती संवेदनाओं
और कुछ ज़ायज़ महत्वाकांक्षाओं
के मध्य एक चुनौती है
यात्रा...
सौ आसमानों को
बाहों में भरकर
धरती तक लाने की
जद्दोजेहद है
यात्रा...
किसी हरे दरख्त के
ठूंठ होने से लेकर
वापस उसी दरख्त में
नई कोंपलें फूटने तक की प्रक्रिया है
यात्रा...
यात्रा एक अनकही शुरुआत है
उस अनंत के सापेक्ष
या कि
उसी अनंत से शुरु होती है
जीवन प्रत्याशा में लिप्त
हमारी हर एक यात्रा...