भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

यात्रा / हरमन हेस

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उदास मत होओ, जल्द ही रात्रि आएगी,
जब हम शांत पडते ग्रामीण इलाकों में
शीतल चंद्रमा की रहस्‍यमयी मुस्‍कुराहटों को देख सकेंगे
और हाथों पर हाथ धरे आराम कर सकेंगे।

उदास मत होओ, वह समय जल्द आएगा
जब हम आराम कर सकेंगे। हमारी नन्‍हीं सलीबें
सडक के चमकते किनारे पर संग-संग खडी होंगी,
फिर बारिश, फिर बर्फबारी,
और हवाएं आएंगी और जाएंगी।