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यादोॅ मेॅ गाँव / संवेदना / राहुल शिवाय

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जाड़ा, पुआलोॅ के गदगद बिछौना
बरसा मेॅ गॉवोॅ के मौसम सलौना
गरमी मेॅ बरगद के रहै-रहै छाँव
हमरा छै यादोॅ मेॅ अभियो उ गाँव |

कासोॅ, पलासोॅ के खिललोॅ उ फूल
धरती रोॅ धानी उ पिन्हलोॅ दूकूल
कोयल के बोली उ कौआ के काँव
हमरा छै यादोॅ मेॅ अभियो उ गाँव |

छठ के उ पोखर, खेतोॅ के मचान
होलियर,मनौनी उ झूमर के गान
सामा के गीतो में बिलीया के म्याँव
हमरा छै यादोॅ मेॅ अभियो उ गाँव |


रचनाकाल - 4 फरवरी 2011