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याद करूंगा मैं तुम्हें / हावर्ड डेनिसन मोमिन

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करने दो बच्चे को विश्राम
धरती माँ के वक्ष पर,
अस्त होने वाला है सूर्य भी
पश्चिमी गुफ़ा के किनारे पर,
आज खिले गुलाब को रखो,
मुरझाने को उसके वक्ष पर,
वह फूल जो था केवल एक कली,
खिला नहीं दिन भर के लिए,
क्या बेहतर होता है मनुष्य जीवन,
वयस्क होकर विशाल वृक्ष के रूप में?

यद्यपि दीर्घायु होता है वृक्ष बरगद जैसा,
मरकर गिर जाता है वह धरती पर,
सबसे रमणीय जल-कुमुदिनी
खिलती है केवल दिन भर के लिए;
सबसे सुगन्धित गुलाब,
त्याग देती है अपनी रुह रात को ।

क्या नहीं है कोई पुरोहित तुम्हारे लिए--
तुम्हारी धूल की काया को मिट्टी से ढकने के लिए?
बिना मोमबत्ती के चुपचाप
क्या तुम्हें रख दिया जाता है अंधेरे में?
यद्यपि हज़ारों तारे जलाते हैं अपनी मशालें
क्या वे चमकते हैं तुम्हारी आँखों के लिए?

हालाँकि थमते नहीं धरती के आँसू
क्या ध्यान दोगी तुम उन पर?
जब पवन बजाता है वंशी मृदु-स्वर में
क्या डोलेगा मेरा हृदय?
जब पुकारेगा रात का पक्षी
क्या विषादग्रस्त होऊंगा मैं?
नहीं जागोगी तुम यहाँ,
कौवे बोलने के साथ;
यद्यपि अंधेरी है धरती,
नहीं सोओगी तुम जगने के बाद।
नहीं होगी जीर्ण तुम हमारी राह।
बढ़ती उम्र के साथ,
नहीं जीवित रही तुम
बूढ़ी स्त्री के रूप में दुर्बल होने के लिए,
शक्ति तो हमें खोनी है अपनी
भोर में, संध्यावेला में,
याद करूंगा मैं तुम्हें,
दिन में गायब होकर तारे के समान,
चमकोगी तुम रात को हमारे लिए।
यद्यपि एक मधुर स्वर हो जाएगा मौन,
सुर रह जाता है मन में;
यद्यपि मुरझा जाता है सुगन्धित पुष्प,
रह जाती है सुगन्ध उसकी।
खिलकर एक दिन के लिए, फिर गिरकर,
खाद बन जाता है वह दूसरों के लिए;
धरती के वक्ष में जड़ें उगाकर,
फैलाता है सुगन्ध वह फूलों के मौसम में।
यद्यपि मिट्ट की देह को खा लेते हैं कीड़े,
रह जाएगी आत्मा।
फूलों की सुगन्ध के सामने
भर जाएंगे पवन में आत्मा के गुण।
कुछ, खाद के जैसा,
रह जाएगा शेष कहीं पर;
लावण्यमय और सुगन्ध-युक्त
खिलेगा वह फिर किसी दिन।

मूल गारो भाषा से अनुवाद : डा० श्रुति