भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

याद से बाहर / केदारनाथ अग्रवाल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

क्या कुछ हो गई वह
कि
याद है वह
और वह नहीं है
याद से बाहर
मूर्तविधान में

रचनाकाल: २२-१०-१९७०