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या तू चांद लेकर आ / गगन गिल
Kavita Kosh से
या तू चाँद लेकर आ
या तू चाँद लेकर जा
या तू कंठ में रख प्यास
या तू कंठ में रख गीत
या इस शूल को निकाल
या फिर औरों को मत छील
या रख पंख में उड़ान
या अपनी चाबी अपने प्यास
या तू बन जा खोया रस्ता
या तू बन जा सरपट घोड़ा
या तू देख उसकी बाट
या तू रेतघड़ी देख
या तू तीर अपने गिन
या तू ऋतुएँ गिननी सीख
या तू पत्थर हो के जी
या तू ठोकर खा उठ बैठ
कभी बाणगंगा पास
कभी बाण मुख के बीच