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युगधारा / नागार्जुन
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युगधारा
रचनाकार | नागार्जुन |
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प्रकाशक | यात्री प्रकाशन, दिल्ली |
वर्ष | प्रथम संस्करण-- 1953, द्बितीय मुद्रण--1982 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | |
पृष्ठ | 112 |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- जन-वंदना / नागार्जुन
- रवि ठाकुर / नागार्जुन
- भिक्षुणी / नागार्जुन
- चन्दना / नागार्जुन
- तुम जगीं संसार जाए जाग / नागार्जुन
- विवशता / नागार्जुन
- पाषाणी / नागार्जुन
- तर्पण / नागार्जुन
- शपथ / नागार्जुन
- संत विनोवा / नागार्जुन
- ऋतु-सन्धि / नागार्जुन
- जयति-जयति बरसात / नागार्जुन
- विजयी के वंशधर / नागार्जुन
- बरफ़ पड़ी है / नागार्जुन
- एक मित्र को पत्र / नागार्जुन
- बादल को घिरते देखा है / नागार्जुन
- भारतमाता ! / नागार्जुन
- पक्षधर !! / नागार्जुन
- उदबोधन / नागार्जुन
- मनुष्य हूँ / नागार्जुन
- जनकवि / नागार्जुन
- कवि / नागार्जुन
- कवि-कोकिल / नागार्जुन
- धरती / नागार्जुन
- प्रेत का बयान / नागार्जुन
- ऎटम बम / नागार्जुन
- स्वदेशी शासक / नागार्जुन
- भुस का पुतला ! / नागार्जुन
- छोटे बाबू / नागार्जुन
- बजट- वार्त्तिक / नागार्जुन
- जयति कोरिया देश / नागार्जुन
- अरुणोदय / नागार्जुन
- खाली नहीं और खाली / नागार्जुन
- नई पौध / नागार्जुन
- मांजो और मांजो / नागार्जुन
- जया / नागार्जुन
- रजनीगंधा / नागार्जुन