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युद्ध में मासूम / राजेश कमल
Kavita Kosh से
ये बच्चे जिन्हें नहीं मालूम
उंच नीच
यह बच्चे जिन्हें नहीं मालूम
गोरा कला
ये बच्चे जिन्हें नहीं मालूम
सही गलत
यह बच्चे जिन्हें नहीं मालूम
मजहब का हिज्जै
क्या कहेंगे आप
अगर ऐसे ही किसी बच्चे को गोलियों के हवाले कर दिया जाय
ख़ामोशी की चादर ओढ़ लेंगे
खून का घूँट पी लेंगे
या डूब के मर जायेंगे
कितना ज़हर भर गया है उनके दिमाग़ में
और कितना डर भर गया है हमारे दिमाग़ में
जरा अपने घर के बच्चे को देखो और सोंचो
कितने दिनों तक रोएगी उसकी माँ
कितने दिनों में भूलेंगी उसकी सहेलियाँ
कितने दिनों तक उदास रहेगा उसका घर
और कितने दिनों में भरेगा यह जख्म
जवाब दो
हुक्मरानों जवाब दो
ये
खून के धब्बे धुलेंगे कितनी बरसातों के बाद