यू एन ओ कती पढ़ण बिठादी / रणवीर सिंह दहिया
नफे सिंह गांव बिलासपुर का रहने वाला है। भारत में नौकरी नहीं मिली तो दे ले के इराक सन् 1988 में चला जाता है। पहले इराक पर हमले में भी वह वहां था। उसकी घरवाली सरतो गांव में ही है। नफे सिंह अब फिर देखता है अमरीका की दादागिरी का खेल। अपने दोस्त अमन से चरचा करता है। अमरीकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने इराक के खिलाफ एक तरफ युद्ध का ऐलान कर रखा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के नियमों और अनुरोधों को भी ताक पर रखकर अमरीका इराक पर धवा बोलने की घोषणएं कर रहा है। पूरी दुनिया में केवल ब्रिटेन ही अमरीका का पैरोकार बना हुआ है। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षक दल को इराक में जन-संहारक हथियारों की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं मिला है। इराक की जनता में साम्प्रदायिक समुदायों के मतभेदों को अमरीका हवा देता रहता है। क्या बताया कवि ने भला:
यू एन ओ कती पढ़ण बिठादी कर दिया गुड़ का राला रै॥
कहै जिसकी लाठी भैंस उसी की रोप्या मोट्टा चाला रै॥
निरीक्षण कमेटी नै इराक जमा दोषी नहीं पाया रै
एक तरफा हमले का अमरीका नै बिगुल बजाया रै
झूठा प्रचार फैलाया रै कहै इराक का मैं रुखाला रै॥
सारी दुनिया खड़ी कर दी मौत के आज किनारे पै
महाघोर प्रलय हो ज्यागी बुश के एक इशारे पै
फांसी लाई इराक बेचारे पै ना हो जंग का टाला रै॥
अमरीकी सेना नै जुलमी प्लान क्यों बनाया बता
सारा संसार सेना के दम पै इनै क्यों डराया बता
छल प्रपंच क्यों रचाया बता बुन मकड़ी का जाला रै॥
तेल भण्डारां पै कब्जा यो अमरीका जमाना चाहवै
सद्दाम या मानता कोण्या ज्यां इसनै भजाना चाहवै
रणबीर सिंह कराना चाहवै अमरीका का मुंह काला रै॥