ये चमन हमारा अपना है, इस देश पे हमको नाज है / शैलेन्द्र
ये चमन हमारा अपना है
इस देश पे अपना राज है
इस देश पे अपना राज है
मत कहो के सर पे टोपी है
कहो सर पे हमारे ताज है
कहो सर पे हमारे ताज है
ये चमन हमारा अपना है ...
आती थी एक दिवाली
आती थी एक दिवाली
बरसों में कभी खुशहाली
अब तो हर एक वार एक त्यौहार है
ये उभरता सँवारता समाज है
ये चमन हमारा ...
ये जान से प्यारी धरती
ये जान से प्यारी धरती
दुनिया की दुलारी धरती
ओ ये अमन का दिया आँधियों में जला
सारी दुनिया को इस पे नाज़ है
ये चमन हमारा अपना है...
हो देख लो कहीं ग़म न रहे कहीं ग़म न रहे
कहीं ग़म न रहे कहीं ग़म न रहे
ओ रोशनी कहीं कम न रहे कहीं ग़म न रहे
कहीं ग़म न रहे कहीं ग़म न रहे
सारे संसार की आँख हम पे लगी
अपने हाथों में अपनी लाज है
ये चमन हमारा अपना है
इस देश पे अपना राज है