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ये जिंदगी / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
मसरूफ़ होती इस जिंदगी में
समय नहीं किसी के पास
कोई पगला रहा है किसी को
तो
कोई पागल बना रहा है
कोई बाल सुखा रहा है
या सुखा रही है
या जमाना है जो बड़ा
कारगर है
जहां कोई कारीगर है
तो कोई कारपेंटर है
कोई सुनार तो कोई लुहार
जान लीजिए
आप जो है
वो बने रहिए
दूसरे के मामले में
टांग ना अड़ाएं
अगर
अड़ाएंगे तो
परेशानी में पड़ जाएंगे
और मुझे पता है
कि आप कोई परेशानी नहीं चाहते
है ना!
बी.पी. शुगर, कमर में दर्द
इत्यादि वगैरह-वगैरह
मसलन
कई चीजें, कई दिक्कतें
शुरू हो सकती हैं
इनसे बचें
जब तक
हो सकता है...
एक दिन लपेटों में
आएंगे
यह तय है