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ये जो है पुरानी-सी तस्वीर बदल देंगे / पंकज कर्ण
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ये जो है पुरानी-सी तस्वीर बदल देंगे
इस बार हमारी वो तक़दीर बदल देंगे
बेख़ौफ़ इबादत है, बेख़ौफ़ मोहब्बत है
तुम ये न कहो हमसे तहरीर बदल देंगे
दुश्मन हो अगर भाई तो ये भी यहाँ मुमकिन
दीवार बदल देंगे जागीर बदल देंगे
कुछ ज़ख्म पुराना हो कुछ ज़ख्म नया होगा
जब दर्द की सारी हम तासीर बदल देंगे
फिर आज सियासी ने चुपके से कहा 'पंकज'
पैरों से जो लिपटी है ज़ंजीर बदल देंगे