ये तेरा सच ये मेरा सच ये सच बड़ा अजीब है / साँझ सुरमयी / रंजना वर्मा
ये तेरा सच ये मेरा सच
ये सच बड़ा अजीब है॥
जो आग सिगरेटों में थी
जल गयी वो आशियाँ,
बिसर गये भजन सभी
सिहर गयीं वो साखियाँ।
ये जिंदगी के वलवले
ये आँसुओं के सिलसिले
ये तेरा दुख ये मेरा दुःख
ये दुख ही बदनसीब है॥
ये तेरा सच ये मेरा सच
ये सच बड़ा अजीब है॥
वफ़ा की खा कसम हैं आज
तितलियाँ उड़ान पर,
कबूतरों की गूँ गुटर
है दूर के मकान पर।
ये पंख रहे अधनुचे
ये कुछ गिरे तो कुछ बचे,
ये बेकसी ये बेबसी
ये दर्द भी गरीब है॥
ये तेरा सच ये मेरा सच
ये सच बड़ा अजीब है॥
टहल तू कर चहल तू कर
मिलेंगी तुझ को रोटियाँ
मगर जो सर उठा लिया
कटेंगी तेरी बोटियाँ।
निगाह में तने तने
निशान पीठ पर बने
सिहर सिहर ठहर ठहर
यही तेरा नसीब है॥
ये तेरा सच ये मेरा सच
ये सच बड़ा अजीब है॥