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ये पेड़ / अनुभूति गुप्ता
Kavita Kosh से
मोटरगाड़ी, ट्रक,
बाइक, बसों के
भूरे धुएँ से
नहा जाते हैं
रोज़ के रोज़ ये पेड़,
साफ सुथरे
धुले-पुँछे
खड़े हैं ये पेड़,
झमझमाती
बारिश के बाद।