Last modified on 30 सितम्बर 2018, at 10:09

ये बच्चे क्यूँ बिगड़ते जा रहे हैं / अजय अज्ञात

ये बच्चे क्यूँ बिगड़ते जा रहे हैं
ज़्ामाने से पिछड़ते जा रहे हैं

ये कैसी चल रही फ़ैशन की आँधी
बदन सब के उघड़ते जा रहे हैं

किसी भीगी हुई माचिस से बेजा
हम इक तीली रगड़ते जा रहे हैं

कोई बतलाए अच्छा सा-रफू गर
सभी रिश्ते उधड़ते जा रहे हैं

मुहब्बत का जो दम भरते थे कल तक
सरे बाज़ार लड़ते जा रहे हैं