ये भारत की है वसुंधरा / राघव शुक्ल
ऋषि मुनियों की है तपस्थली, जिस माटी में बलिदान भरा।
ये भारत की है वसुंधरा, ये भारत की है वसुंधरा।
सर पर है केसरिया चूनर, जिसके आँचल का रंग हरा।
ये भारत की है वसुंधरा, ये भारत की है वसुंधरा।
जन गण मन जिसका राष्ट्रगान, ध्वज जिसका अमर तिरंगा है।
हैं अचल खड़े वटवृक्ष जहाँ, नदियों की रानी गंगा है।
जल थल नभ की हैं सेनाएँ, जिनसे है दुश्मन डरा डरा।
ये भारत की है वसुंधरा...
वन उपवन करते नृत्य मोर, हैं बाघ जहाँ विचरण करते।
पोखर में खिलते कमल जहाँ, तरु हैं रसाल अर्पण करते।
हिंदी भाषा कि छवि न्यारी, अक्षर-अक्षर पीयूष झरा।
ये भारत की है वसुंधरा...
दो अक्टूबर पंद्रह अगस्त, छब्बीस जनवरी आई है।
जी भर के खाओ' जलेबी सब, ये तो राष्ट्रीय मिठाई है।
पंचांग हमारा शक संवत, वह राष्ट्रपत्र है श्वेत खरा।
ये भारत की है वसुंधरा...
स्तम्भ अशोक सिंहों वाला, हम सत्यमेव जयते कहते।
हैं धर्म हमारे भले अलग, मन से हम भारतीय रहते।
है अजर अमर भारत गाथा, है देव तुल्य जो वीर मरा।
ये भारत की है वसुंधरा...
रुपया जिसकी अनुपम मुद्रा, तो खेल हमारा हॉकी है।
वन्देमातरम राष्ट्रगीत, सेवा में तत्पर खाकी है।
भारत माता कि जय वाला, मिलकर बोलो उद्घोष जरा।
ये भारत की है वसुंधरा...