ये शोभा नहीं देता तुमको सिहर जा
मसोमात की है फसल बेटे चर जा
डराए अगर तुमको दरिया की मौजें
तू दरिया के सीने में चल के उतर जा
मेरी ओर ताने गुलेली की गोली
मुझे कह रहा है वो बरसों से डर जा
जनाजे को मेरे लिए चलने वाले
जरा देख लूँ अपने घर को ठहर जा
कोई डेंगू, ड्रोप्सी को कोई दिखाता
मेरे आका इससे भी आगे तू कर जा
है सरकार में सरसों में भी मिलावट
जो जीना यहाँ है तो जी वरना मर जा
सभी की निगाहें तुम्हीं पर कड़ी हैं
बहुत रात बीती अमरेन्दर तू घर जा।