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यो पूत सै बिराणा हे / मेहर सिंह

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वार्ता- इस के बाद पदमावत की सखियां उस को समझाती हैं और क्या कहती हैं

हालती ना चालती घालती क्यूं सांस बैरण
यो पूत सै बिराणा हे।टेक

तूं खड़ी तला कै काठै
तेरा दामण चकरी काटै
बखत पड़े पै बेरां पाटै, बीर का, तकदीर का,
पीहर का सै बास बैरण चाहिए ना गिरकाणा हे।

बीर बेहुदी ना तेरी केसी
बिन बैर मुकदमा ना पेशी
प्रदेशी पै मर री घिर री कर री सत्यानाश
बैरण ठोड़ ना ठिकाणा हे।

अपणा लिए देख अन्दाजा
सिर पै बजै काल का बाजा
घर कुणबे तै तेरा मुलाहजा टूटज्या घर छुटज्या
उठज्या बैरण तेरा पाणी दाणा हे।

दिये काम छोड़ गंदे नै
बावली इस गोरख धंधे नै
इस मुर्ख बन्दे नै दीख ले झीख ले सीख ले
बण दास बैरण मेहर सिंह का गाणा हे।