मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
यौ जाबे जे मारि जादू के नइ करबै
ताबे नइ दुश्मन नइ बान्हल जेतै
क्षत्री वंशमे दागो लगतै
जाति दुसाध घरमे बेटी जेतै
हा केना कऽ डोलीया के राजा के कऽ देबै यौ।
हौ जादूये मारि मोतीराम के केलकै
हा आँखि के आन्हर मोतीराम के केलकै
हा सौ सौ बान्ह छौड़ा पलटन बान्हैय।
सभके बान्हि आइ हाजतमे देलकै।
आ वीर सभटा ओरा देलकै
हकन कनै जेलमे कनै छै
हाय नारायण हाय इसबर जी
जुलुम बीतै छै राज महिसौथा
नाम बूड़ि गेलै महिसौथामे
कोइ कहबीया नइ महिसौथा के होइ छै
सभ वीर बान्हल जखनी गेलै यौऽऽ।