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रंगीली घोड़ियाँ झनकारों से सजकर / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रंगीली घोडियां झनकारों से सजकर आई
उसके बाबा लाये सजा सजा कर घोड़ी
दादी रानी के प्यारे चढो करो मत देरी
समय आ गया ससुराल घर जाने का

रंगीली घोडियां झनकारों से सजकर आई
उसके ताऊ लाये सजा सजा कर घोड़ी
ताई रानी के प्यारे चढो करो मत देरी
समय आ गया ससुराल घर जाने का

रंगीली घोडियां झनकारों से सजकर आई
उसके पापा लाये सजा सजा कर घोड़ी
मम्मी रानी के प्यारे चढो करो मत देरी
समय आ गया ससुराल घर जाने का

रंगीली घोडियां झनकारों से सजकर आई
उसके चाचा लाये सजा सजा कर घोड़ी
चाची रानी के प्यारे चढो करो मत देरी
समय आ गया ससुराल घर जाने का