भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रउरा गाँवे जब ले सावन आइल बा / आसिफ रोहतासवी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रउरा गाँवे जब ले सावन आइल बा
हमरा गाँवे तलई- ताल सुखाइल बा

पटना-दिल्ली बइठल रउरा का जानब -
तरवा जेठे कतना ई भउराइल बा

लेके हम आपन गगरी कहवाँ जाईं
हमरा खातिर घाट सभे कउराइल बा

जेतने पेवन सटलीं, ओतने छितराइल
जिनगी के कथरी अइसन बिधुनाइल बा

ई रोटी हमरा खातिर सपना बाटे
रउआ खातिर भलहीं ई अउराइल बा

सांच कहे के लत लागल बा जहिया ले
लोग कहेला, 'आसिफ' त बउराइल बा