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रखें हम सभी नित्य ही इसका ध्यान / रंजना वर्मा

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रखें हम सभी नित्य ही इसका ध्यान।
सभी जीव होते हैं जग में समान॥

वही रूह सब में है करती निवास
वही श्वांस सबकी वही सबके प्राण॥

न अब आत्मा से करें कुछ दुराव
करें यत्न ऐसा बनें हम महान॥

चलें उस तरफ जिस तरह हो बहाव
समय की नदी संग ही हो प्रयाण॥

चहकने लगे पंछियों के समूह
न क्यों छोड़ दें साथ में उसके तान॥

उठी आंधियों में भी छूटे ना हाथ
वचन है यही आज सबका निदान॥

बुझायें पराई अगन हाथ डाल
नहायें सदा नेह-गंगा सुजान॥