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रचना / शिवकुटी लाल वर्मा

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सूर्य उदित हुआ
किसी बहुत बड़े नीले दोने में रखी हुई जलेबी
कृषकाय भूखी गर्भिणी प्रतिमा
किसी मरियल कुतिया-सी
उसकी ओर लपकी
और फिर इतनी मार खाई
कि रचना गर्भ में ही मर गई।