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रचर्लो विधाता हाथें एक पर एक जीव / अनिल शंकर झा
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रचर्लो विधाता हाथें एक पर एक जीव
एक पर एक रूप गुण में महान छै।
कोनो तेॅ विशाल गजराज कोनो सिंहराज
बल विक्रम में जे आपने समान छै।
तोय बलहीन पर रूप केरेॅ खान आरो
केकरो कि गान केरेॅ नांही कोनो शान छै।
एक साथ सब गुण लेनें भासमान हुवै
बाला आदमी केॅ छोड़ी कहो के महान छै॥