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रतन / मिल के बिछुड़ गईं अँखियाँ
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रचनाकार: ?? |
मिल के बिछड़ गईं अँखियाँ
हाय रामा मिल के बिछड़ गईं अँखियाँ
मुशक़िल से वो दिन भुलाये थे हमने
फिर आ के छेड़ा बलम ने
फिर से धरक गईं छत्तियाँ
धरक गईं छत्तियाँ
हाय रामा मिल के बिछड़ गईं अँखियाँ
रोते हैं नैना जिया तलमलाये
जावो कोई उनको लाये
कैसे बिताऊँ दिन-रतियाँ
बिताऊँ दिन-रतियाँ
हाय रामा मिल के बिछड़ गईं अँखियाँ..