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रने-बने तऽ रटै छै मलीनियाँ / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

रने-बने तऽ रटै छै मलीनियाँ
श्री तऽ सतबरता के
रने बने दरशनमा के नइ हौइ छै
सती मलीनियाँ के ने हय।
हे रामजोड़ी बहीना
मलिनियाँ सब अपन लीला सुनबैय।
आ गै बड़ बड़ भगति हम केलीयै
श्री तऽ मोरंगमे
बड़-बड़ भगति हम केलीयै
श्री तऽ मोरंगमे ने गय
गय चनन काटिकऽ पौआ बनौलियै
सड़ड़ काटि के पासि देलीयै
काँचे धागासँ पलंगीया धोरौलियै
फूले ओछौना, फूले बिछौना
फूले के सिरहौना दैलीयै
चानन काटि के पौआ बनौलियौ
गुआ चानन अंगना बड़ ंिछंटलौ
भेदनीफूल हम गाँजा लटौलियै
सोना चिलमबा रूपा ठेकरिया
अँचरा फाड़ि हम पलीता बनौलियै
मँह-मँह मँह-मँह मँह-मँह करै पलंगिया
सोना थाड़ सिरमामे देलीयै
रूपा थाड़ गोरथारीमे देलीयै
पान खाइत पनबट्टा जोगौलियै
बंगला पान स्वामी ले देलीयै
तइयो ने निर्दइया दरशन देलकै
जादू मारि हम सुग्गा बनेबै
लऽ पिंजड़ा हम मोरंग जेबै
आब-युग-युग हम राज गै बहिना
मोरंगमे हम भोगबै
युग-युग राज हम बहिना
मोरंगमे भोगबै ने गय।