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रफ़्ता रफ़्ता जिंदगानी में वो' शामिल हो गये / रंजना वर्मा

रफ़्ता रफ़्ता जिन्दगानी में वो शामिल हो गये
पहले वो दिलवर बने पर अब वही दिल हो गये

जिंदगी थी एक सन्नाटा उगलती दोपहर
वो मिले सारे नज़ारे मिल के महफ़िल हो गये

आ गया ऋतुराज बादल के नगाड़े बज उठे
झूमते सारे शज़र खुशियों में शामिल हो गये

रात दिन बरसा किये दो नैन बनकर के नदी
चंद कतरे आँसुओं के आज मुश्किल हो गये

दूर तक केवल अँधेरा और अनजानी डगर
ज़र्रे सारे रास्ते के खुद ही मंजिल हो गये

जीस्त थी जैसे भँवर में नाव कोई डोलती
साजिशें लहरों ने कीं तूफ़ान साहिल हो गये

चाहने से कब हुईं पूरी हैं दिल की ख्वाहिशें
दर्द दुनियाँ के बिना माँगे ही हासिल हो गये