भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रब के बोली बोल रे मैना / रसूल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रब के बोली बोल रे मैना, रब के बोली बोल ।

क्यों सोये गफलत में मैंना, होवन लागी भोर ।
रे मैना रब के बोली बोल ।

अइहें बिलरिया झपट ले जइहें, बस न चलिहें तोर ।
रे मैना रब के बोली बोल ।

कहे रसूल भूल मत जइहो,भजन करो दिन रोज ।
रे मैना रब के बोली बोल ।