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रम्मत / श्याम महर्षि

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आथूणी रोही
डाबळै खेत री
पड़ाल माथै,

झांझरकै
मेह बरस्यौ

रूघै अर पोकर रा टाबर
बेकळू सूं
रमतिया, बणावै
अर आपस मांय
बंतळ करै,
कै
कुण सौ घर
किण रो हुयसी
कै कुण करसी/ब्याह
अर कुण गासी गीत
बनड़ै रा
आपणी बाखळ मांय

कुण सौ/कै करसी
पेली-पोत
इण बिझोक सूं
उथब‘र
टाबर
नाचण अर/गांवण लाग्या
म्है ई खेल्या
म्है ई ढोया।