Last modified on 5 दिसम्बर 2013, at 12:44

रसस्वरूप श्रीकृष्ण परात्पर, महाभावरूपा राधा / हनुमानप्रसाद पोद्दार

रसस्वरूप श्रीकृष्ण परात्पर, महाभावरूपा राधा।
प्रेम विशुद्ध दान दो, कर करुणा अति, हर सारी बाधा॥
सच्चा त्याग उदय हो, जीवन श्रीचरणोंमें अर्पित हो।
भोग जगत्‌की मिटे वासना, सब कुछ सहज समर्पित हो॥
लग जाये श्रीयुगलरूपमें मेरी अब ममता सारी।
हो अनन्य आसक्ति, प्रीति शुचि, मिटे मोह-भ्रम-तम भारी॥