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रस्साकशी / कन्हैयालाल मत्त

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ज़ोर लगाओ, हेई सा !
हेई सा, भई, हेई सा !

सीना ताने रहो अकड़कर,
रस्सा दोनों ओर पकड़कर,
तिरछे पड़कर, कमर जकड़कर,

ज़ोर लगाओ, हेई सा !
हेई सा, भई, हेई सा !

खींचो-खींचो, ज़ोर लगाओ,
पैर गड़ाकर, पीठ अड़ाओ,
आड़ी-तिरछी चाल भिड़ाओ,

ज़ोर लगाओ, हेई सा !
हेई सा, भई, हेई सा !

रस्सा नहीं फिसलने पाए,
साथी नहीं बिचलने पाए,
जोश-खरोश न ढलने पाए,

ज़ोर लगाओ, हेई सा !
हेई सा, भई, हेई सा !

हुए पसीने से तर सारे,
सफल हुए सब दाँव हमारे,
इधर हमारे, उधर तुम्हारे,

ख़ुशी मनाओ, हेई सा !
ज़ोर लगाओ, हेई सा !
हेई सा, भई, हेई सा !