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रहस्य / शशि सहगल
Kavita Kosh से
समय के पुराने
छूटे हुए पदचिह्न
जिन्हें देख
मिलती है अद्भुत्त सान्त्वना
पर
अपने वक़्त पर क्यों
होते हैं वे अबूझ।