भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

रहेगी कहां-री जिंदगी / हरीश बी० शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।


पता
नहीं पूछता मैं किसी का भी
डरता हूं
उस स्वाभाविक सवाल से
जब पूछ लिया जाएगा
ठिकाना मेरा
सच-सच बता पाऊंगा
बुला पाऊंगा
मेरे ठिकाने
कितना आसां होता है
कह देना
‘मेरे घर आना जिंदगी’
रहेगी कहां-री जिंदगी
जब आएगी
जीने के लिए मेरे घर ?