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रागनी 2 / विजेन्द्र सिंह 'फौजी'

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हाँ आं रै भाईयो छिड़गी सै लड़ाई
पाकिस्तानी घुसपैठिये कररे घणी अंघाई

भारत माँ के वीर सपूतो जोश जगाओ गात म्हं
घड़ी परीक्षा कि आगी सै ठाल्यो हथियार हाथ म्हं
जयहिंद जयहिंद वन्देमातरम् सारे बोलो साथ म्हं
हाँ आं तिरंगा नहीं झुकण दयाँ भाई
 
देश हमारा संकट म्हं सै मतना बैठो चुपचाप
कारगिल म्हं जाणा सै रस्ता ल्यो रै भाई माप
बिल म्हं तै रहया करैं सैं कीड़े मकोड़े बिच्छू सांप
हाँ आं रै करदो दुश्मन पै चढाई

यो टेम नहीं सै सोणे का बहोत घणे दिन सो लिये
फेर पाछै पछताओगे जब खा ज्याँ खेत गोलिये
दुश्मन घर के भीतर बड़गे बडे चाले हो लिए
हाँ आं रै करदां उनकी खुब ठुकाई

जाट विजेन्द्र सिंह न्यूं कहरा जान की बाजी ला दयांगे
टाईगर हिल पै जाकै नै असा मजा चखा दयांगे
मार-मार कै बेईमानां का थोबड़ा सुजा दयांगे
हाँ आं रै उनकी चढ़गी सै करड़ाई
तर्ज-देशी