रागनी 6 / विजेन्द्र सिंह 'फौजी'
जब देखी लाश अटल जी नै होया नैना तै जल जारी
देख दशा हिंद के वीरों की धरती म्हं टक्कर मारी
छ: की टोली गई रैकी करणे गए रस्ता भुल अंधेरे म्हं
पाकिस्तानीयों की नजर पड़ी रै ले लिए वै घेरे म्हं
कुछ भी चारा चाल्या कोन्या आगे उनके हथफेरे म्हं
पकड़ हिंद के वीरों को वै लेगे अपणे डेरे म्हं
मारे पीटे तड़पाये रै-2 जुल्म करा घणा भारी
बेदर्दी तै कत्ल करा तड़फा-तड़फा कै मारे
हाथ पैर दिए काट रै उनके कुछ ना चालै चारे
आंख काढ़ली कान काट दिए ना हिचके हत्यारे
धरती माँ भी कांप उठी जब शव दिल्ली म्हं तारे
क्युकर सब्र करैगी रै-2 जब देखैगी महतारी
राष्टपति नै हिंद की सेना को दे दिया सख्त हुक्म
इनका बदला लेणा सै हाम नहीं किसे तै कम
पाकिस्तानी सैं नीच हरामी ना उनकै दया धर्म
बन्दी बणाकै मार दिए कती आई नहीं शर्म
नवाज शरीफ तै कर कै दोस्ती-2 पछताया अटल बिहारी
पाकिस्तान पै सब देशां नै भारी रोष जताया
पाकिस्तान का रक्षामंत्री माफी मांगण आया
काले झंडा तै करा स्वागत देख घणा शरमाया
विजेन्द्र सिंह कहै पाकिस्तान नै भारी पाप कमाया
देख शवों को रोवण लागी-2 भारत की जनता सारी
तर्ज-तुं मेरी ज़िन्दगी है