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राग में शब्द / पुष्पिता
Kavita Kosh से
प्रेम में
साँस की लय में रचे हुए शब्द
घुल जाते हैं - अपनी लय में
जैसे - राग में शब्द
शब्द में राग।
प्रेम की
सार्वभौमिक गूँज - अनुगूँज में
विस्मृत हो जाता है - स्व और सर्वस्व
शेष रहता है - प्रेम
और...सिर्फ - प्रेम प्रेम प्रेम
जैसे
समुद्र में समुद्र
धरती में धरती
सूरज में सूरज
चाँद में चाँद
और तृषा में तृप्ति
प्यास में जल
जीवन में - जीवन की तरह