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राजधानी मुकम्मल हुई / पीयूष शर्मा
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प्यार की राजधनी मुकम्मल हुई
एक तस्वीर यानी मुकम्मल हुई
मिल गए तुम तो स्वर ध्ड़कनों से उठे
लो हमारी कहानी मुकम्मल हुई