भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राजा जनक के चार बेटिया/ मैथिलि
Kavita Kosh से
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
रचनाकार का नाम- अज्ञात
राजा जनक के चारी बेटिया चारु करब कन्यादान यै
किनका साजब आजन बाजन, किनका साजब बरियात यै
किनका के साजब नौ जोड़ा, नटुआ छोटकी साजब भगवान यै
बड़की के साजब आजन बाजन, मझली साजब बरियात यै
सझली साजब नौ जोड़ा नटुआ, छोटकी साजब भगवान यै
खेत बसायब आजब बाजन, दालान बसायब बरियात यै
महफ़िल बसायब नौ जोड़ा नटुआ, कोबरे बसायब भगवान यै
यह गीत श्रीमती रीता मिश्र की डायरी से ली गयी है.