Last modified on 5 अक्टूबर 2019, at 23:06

राजा दिमित्रिओस / कंस्तांतिन कवाफ़ी / सुरेश सलिल

‘‘किसी राजा की भाँति नहीं, बल्कि एक अभिनेता की भाँति, राजसी
पोशाक की बजाय, उसने एक भूरा चोगा पहना और चुपके से चला गया।’’
— प्लूतार्क : ‘लाइफ़ आफ दिमित्रिओस’

मकदूनियाइयों ने जब उसका साथ छोड़ दिया
जतलाया, उन्हें पीरोज़ ज़्यादा पसंद है

राजा दिमित्रिओस<ref>दिमित्रिओस [337-283 ई०पू०] मकदूनिया का शासक था। 288 ई०पू० में उसकी फ़ौजों ने उसका साथ छोड़ दिया और उसके विरोधी, इपिरस के बादशाह, पीरोज़ के खेमे में चली गई। यह दिमित्रिओस की अति उदारता का प्रतिफल था।</ref> ने,
लोगों का मानना है,
किसी राजा जैसा बर्ताव नहीं किया।

उतारी अपनी सुनहरी पोशाक
फेंक दीं बैंजनी गुर्गाबियाँ, यानी जूतियाँ
पहने तुर्तफुर्त बिल्कुल मामूली कपड़े
और खिसक लिया ठीक उस अभिनेता की भाँति
जो स्वाँग ख़त्म होते ही
पोशाक बदल कर चला जाता है।

[1906]

शब्दार्थ
<references/>