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राजिम का विष्णु-मंदिर / विनोद कुमार शुक्ल

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राजिम का वह आठवीं शताब्दी का
विष्णु-मन्दिर है
गर्भ-गृह में विष्णु को सबने दूर से प्रणाम किया

मन्दिर के मंडप में
दुर्गा की मूर्त्ति है
कठोर पत्थर की अत्यन्त सुन्दर
अंदर से कोमल हो सम्भवत: ।

सबने दुर्गा की प्रतिमा का
चरण-स्पर्श किया
कुछ ने माथा टेका
मैंने देखा
प्रतिमा के पैरों की उंगलियाँ
माथा टेकने और चरण-स्पर्श से
घिसकर चिकनी और सपाट हो चुकी हैं
इसमें मन ही मन का चरण-स्पर्श
और दूर का माथा टेकना भी शामिल है।

विष्णु की प्रतिमा को
समीप से नहीं देख पाया।