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राजू की जेब / रामेश्वर दयाल दुबे
Kavita Kosh से
मजेदार है बड़ा खज़ाना राजू जी की जेब,
भर लेना उसमें सब कुछ ही, है राजू की जेब।
चिकना पत्थर, टूटी पैंसिल,
बटन, कील, चमकीला कागज।
छोटा शंख, तार का टुकड़ा,
इंजेक्शन की खाली शीशी।
दियासलाई की डिब्बी में,
चमकदार इमली के बीज।
प्लास्टिक की छोटी-सी थैली,
टूटा पेन, काँच की गोली।
चाकलेट का कागज नीला,
हरा पंख तोते का छोटा।
चमकदार छोटी-सी सीपी,
लाल हरे-पीले कुछ डोरे।
भरी खचाखच जेब, न उसको भाई छूना,
यह न जेब, है संग्रहालय का एक नमूना!