Last modified on 29 नवम्बर 2019, at 23:56

रात का नाम सवेरा ही सही / 'हफ़ीज़' बनारसी

रात का नाम सवेरा ही सही
आप कहते हैं तो ऐसा ही सही
 
क्या बुराई है अगर देख लें हम
ज़िन्दगी एक तमाशा ही सही

क़त्ल कर देगी उसे भी दुनिया
अपने युग का वह मसीहा ही सही

तुम तो मौसम की तरह मत बदलो
अब ज़माने का ये शेवा ही सही

मेरा क़द आप से ऊँचा है बहुत
मैं 'हफ़ीज़' आप का साया ही सही