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रात / नील कमल
Kavita Kosh से
आज की रात
जागने की रात है
सर्द रातों के इतिहास में इसे
सबसे ऊपर दर्ज़ होना है ।
आज की रात
सोचने की रात है
बंद कमरों और रास्तों के
बीच की दूरी ।
आज की रात
रचने की रात है
बारूदी गंध के गीत ।
आज की रात
निर्माण की रात है
हथियारबंद एक दस्ता ।
आज की रात
सीखने की रात है
ज़मीन खोदना, ज्वालामुखी के
मुँह बंद करना ।