भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
राफेल / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
Kavita Kosh से
चलंे खेलबै सचका खेल,
ऐलौ छै पँच-पँच राफेल।
सैनिकों के तोफा मिल्लै
दुश्मन केरोॅ धरती हिल्लै
जे भी आबी छलमल करतै
सीधे मरी जहन्नुम जैतै।
जे रखतै भारत से मेल
जोरी के रखबै राफेल
नै तॅ जड़-मुंड़ी से करबै
सब दिन लेली खतमें खेल।